Thursday, August 5, 2010

गर्व है कि हिंदी भाषी समूह से नहीं हूं-मोहल्ला की टिप्पणी

लेकिन मैं इस बात पर गर्व करता हूं कि मैं हिंदी भाषी समूह से नहीं आता !
(.......But I feel proud that I do not belong to Hindi linguistic group.)

 मोहल्ला पर ये टिप्पणी किसी नॉन हिंदु फेमनिस्ट नाम से की गई है। राज ठाकरे की प्रवक्ता हैं...किसी भाषा को लेकर ऐसी घिनौनी टिप्पणी तो किसी ने भी नहीं की। आपकी समझ देखकर  हमें भी गर्व है कि आपका नाम हिंदी से नहीं जुड़ा है। गलत सही बहस अलग  बात है...भाई साहब तीन दिन में ये दशा हो जाएगी आप लोगों की ये मैं नहीं जानता था...

यह टिप्पणी आदित्यनाथ की इस आपत्ति के जवाब में आई थी। जिसमें कमेंट को जानबूझकर नॉन हिंदी स्पीकिंग वाला बताया गया है।
आप जो भी भाषा बोलती है या बोलते हैं....उसे लेकर तो कोई गलत बात नहीं मानी लेकिन आपने नॉन हिंदी स्पिकिंग होने पर गर्व कैसे कह दिया....


इनके पहले कमेंट को देखें तो आधे से ज्यादा हिस्से का कमेंट सतर्कता के साथ लिखा गया है... स्वभाविक गलती नहीं है।  कहीं-कहीं तो नुख्ता भी लगा है..बीच-बीच में जानबूझकर गलती की गई है।

 मैं इस बहस को ‘follow’ कर रही हूं और अब कह सकती हूं कि मेरा ‘वोट’ अविनाश, विनीत, कबीर, संजय, सुनील के बक्से में जायेगा। क्या जबर्दस्त लड़ाई की है इन्होंने ? अगर जसम का एक ‘official” पनय कृशाना की वाइफ़ पहले वर्धा में वी.एन.राय के ‘एंप्लायी’ थी, और अब वो डेलही युनिवर्सिटी में अपाएंट हो गयी तो पूरा नेक्सस साफ़ हो जाता है। और अगर उसका एक आफ़िसियल राय के बगल में जमीन खरीदता है तो वो पुख्ता होता है। और एक आफ़िसियल सुधीर सुमन थ्रेट करता है तो ये एक हकीकत मे बदल जाता है. एक घिनौना हकीकत। लेफ़्ट के नाम पर ठगी करने वाला ये लोग कौन है, क्या कोई नहीं समझ सकता है? और आदित्यनाथ तो मुझे कोई पेड मर्सिनरी लगता है। ये लोग ज्यादातर कास्टिस्ट हिंदू है और अपर कास्ट है. भारत को माडर्न बनाने की जरूरत है..लेफ़्ट-राइट तो उसके बाद आयेगा. जैसा zizek बोलता है कि हमको एक नया Left बनाना होगा and the entire youth around globe supports.


 नया वामपंथ आप लोग बनाओ, मोरल, पूरा दुनिया आपका साथ देगा। ट्राइबल, गरीब, नीचे जात का..सब आपका साथ आयेगा…saare rileejan (?????)kaa log!

even God will come in your favor…अल्ला, ईश्वर, राम, बुद्धा सब आपके साथ होगा..! मार्क्स गांधी सब…
 

दूसरे कमेंट में इनका ज्ञान देखिए...

I know that scenario in Hindi is similar to what was in Russia and most of the Europe in early 29th century (????????????). Many stories and literature ‘overcoat’, ‘butterfly’, after the dance’ ‘my universities’, ‘daughters of landlord’ etc. are available in literature. The same and similar decaying, degenerated, pig-like rich people involved in amoras activities, male and female all.

पूरी टिप्पणी मोहल्ला पर देख सकते हैं..
धन्य है मोहल्ला का चिड़ियाघर......

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